मेरी ब्लॉग सूची

गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

प्रकाश संश्लेषण / Photosynthesis

प्रकाश संश्लेषण / photosynthesis

       प्रकाश संश्लेषण


  • जिस प्रक्रिया के द्वारा पौधे अपना भोजन तैयार करते है उस मुख्य प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) कहते है। सभी हरे पौधों में पर्ण हरित (क्लोरोफिल/chlorophyll) होता है जिसमें सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता होती है।सूर्य की प्रकाश के सहायता से जल दो भागो में बट जाता है अथार्थ हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभक्त हो जाता है।इनमें ऑक्सीजन स्टोमाटा द्वारा बाहर निकालकर वायुमंडल में मिल जाता है।हाइड्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर ग्लूकोस बनाता है ।
                    संपूर्ण प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित रासायनिक समीकरण द्वारा व्यक्त करते हैं ।
प्रकाश संश्लेषण का रासायनिक सूत्र / prakash sanshleshan ki prakriya
 प्रकाश संश्लेषण

      

      प्रकाश संश्लेषण के स्थान



  • प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू से अंत तक क्लोरोप्लास्ट में ही होता है।क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल वर्णक पाते जाते हैं। ये अधिकतर पौधों की पत्तियों में पाया जाता है।इसलिए पत्तियों को प्रकाशसंश्लेषी अंग कहते है एवं हरितलावको को प्रकाश संश्लेषी अंगक कहते है।पर्णहरित को प्रकाश संश्लेषी इकाई कहते है।

      प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक पदार्थ ( घटक)


  • प्रकाश संश्लेषण के लिए चार पदार्थों की आवश्यकता होती है-

  1. पर्णहरित या क्लोरोफिल
  2. कार्बन डाइऑक्साइड
  3. जल और
  4. सूर्य प्रकाश


  1. पर्णहरित - पर्णहरित वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।इसकी उपस्थिति में ही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संभव है।इसलिए इसे प्रकाश संशलेशी इकाई कहते है।
  2. कार्बन डाईआक्साईड - प्रकाश संश्लेषण में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते है और ऑक्सीजन छोड़ते है।पौधे इस आवश्यक कार्बन डाइऑक्साइड को अपने वातावरण से प्राप्त करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड का सबसे बड़ा भंडार वायुमंडल है। वायुमंडल में सामान्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% मौजूद है।
  3. जल - पौधे अपने भोजन का अधिकतर भाग जल से प्राप्त करते हैं तथा जल के ही कारण उनमें वृद्धि होती है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए यह एक अनिवार्य घटक है। यदि नियमित रूप से पेड़ पौधे को जल ना मिले तो पेड़ पौधे मर सकते हैं। पौधों में जड़ के द्वारा जल ग्रहण किया जाता है।
  4. सूर्य प्रकाश - हरित पौधों में पाए जाने वाले हरितलवको में मौजूद क्लोरोफिल ही सूर्य प्रकाश में मौजूद सौर ऊर्जा को अवशोषित कर सकते हैं और उसे रासायनिक ऊर्जा में बदल कर संश्लेषित ग्लूकोस के अणुओ में इसका समावेश करते हैं।

     प्रकाश संश्लेषण की क्रियाविधि

  • प्रकाश संश्लेषण की जटिल क्रिया में हरे पौधे विकिरण ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। जब सूर्य का प्रकाश हरी पत्तियों पर पड़ता है तब क्लोरोफिल विकिरण ऊर्जा का अवशोषण करता है तथा इस ऊर्जा द्वारा हरी पत्तियों में उपस्थित जल दो भागो अर्थात हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बट जाता है। इनमें ऑक्सीजन स्टोमाटा द्वारा बाहर निकलकर वायुमंडल में मिल जाता है। हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर ग्लूकोस बनाता है।

      प्रकाश संश्लेषण का महत्व


  • प्रकाश संश्लेषण पौधों के जीवन के लिए तो आवश्यक है ही यह संपूर्ण संसार के लिए भी आवश्यक है। सभी परपोषी जीव अपने भोजन और ऊर्जा के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में पौधों पर ही आश्रित होते हैं। पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा ऑक्सीजन मुक्त करते हैं जो जीवन का आधार है। यह वातावरण में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन भी स्थापित करते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाश्म ईंधन ऊर्जा का आधार प्रकाश संश्लेषण ही है।

     प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक


  • प्रकाश संश्लेषण को अनेक कारक प्रभावित करते हैं।वायु प्रदूषण जैसे कारखानों की चिमनिया से निकलने वाली उड़न राख एवं दुआ एवं अन्य से प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम को बहुत अधिक हानि पहुंचाती है। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली अम्लीय वर्षा से पौधों की पत्तियां झुलस जाती है जिससे उनमें प्रकाश संश्लेषण करने की क्षमता नहीं रह जाती है। पर्णहरित की मात्रा पतियों में अन्य पदार्थों का जमाव और कोशिकाओं की भौतिक रासायनिक अवस्थाएं प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करते हैं।प्रकाश संश्लेषण की दर कम तीव्रता के प्रकाश में अधिक होती है और अधिक तीव्रता के प्रकाश में कम होती है। उच्च ताप भी प्रकाश संश्लेषण की दर को घटा  देता है। यदि पौधों में जल की आपूर्ति कम हो रही हो तो प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ जाती है परंतु ऐसा एक सीमा तक ही होती है। इस सीमा  से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड हो जाने पर प्रकाश संश्लेषण की दर कम हो जाती है।

शनिवार, 8 फ़रवरी 2020

भारत का स्थिति एवं विस्तार-Aarya gk mines


भारत का स्थिति एवं विस्तार

भारत देश विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है।सिंधु घाटी के प्राचीन सभ्यता भारत में ही विकसित हुआ है।बिहार में स्थित वैशाली विश्व का पहला गणराज्य है।विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके नाम पर एक महासागर ( हिन्द महासागर) है।यह उत्तर में हिमालय पर्वत से घिरा हुआ है और दक्षिण में हिन्द महासागर है।इस लेख में मै ग्लोब पर भारत की स्थिति और उसके विस्तार के बारे में बताने जा रहा हूं।


bharat ki sthiti evam vistar,bharat ka manchitra
bharat ki sthiti evam vistar


  • भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
  • इसका मुख्य भू भाग 8°4' उत्तर से 37°6' उत्तर अक्षांश तथा 68°7' पूर्व से 97°25' पूर्व देशान्तर तक फैला है।
  • इसके द्वीप समूहों को सम्मिलित करने पर इसका दक्षिण में विस्तार 6°45' उत्तर अक्षांश से शुरू होता है।
  • भारत का दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट है जो अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।
  • 23°30' उत्तरी अक्षांश(कर्क रेखा) भारत के बीचों - बीच से गुजरती है एवं इसे लगभग दो भागो में बाटती है।ये रेखा भारत के निम्नलिखित राज्यो से गुजरती है - राजस्थान,गुजरात,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,झारखंड,पश्चिम बंगाल,त्रिपुरा और मिजोरम।
  • भारत का पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 2,933 किलोमीटर,उत्तर से दक्षिण तक की लंबाई 3,214 किलोमीटर है।
  • भारत का क्षेत्रफल 32•8 लाख वर्ग किलोमीटर है जो विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्र फल का 2•4% है।
  • इसका स्थल सीमा रेखा की कुल लंबाई 15,200 किलोमीटर है।मुख्य भूमि का तटीय सीमा रेखा 6,100 किलोमीटर है।भारतीय द्वीपों की तटीय सीमा रेखा सम्मिलित करने पर इसकी कुल लंबाई 7,516•6 किलोमीटर जाता है।
  • भारत का स्थलीय सीमा पाकिस्तान,अफगानिस्तान,चीन,नेपाल,भूटान,म्यांमार और बांग्लादेश से मिलती है।
  • भारत का तटीय सीमा वाला राज्य गुजरात,महाराष्ट्र,केरल,कर्नाटक,तमिलनाडु,आंध्रप्रदेश,ओड़िशा और पश्चिम बंगाल है।
  • भारत का मानक समय रेखा 82°30' पूर्वी देशांतर है जो भारत के निम्नलिखित राज्यो से गुजरती है - उत्तरप्रदेश,छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश,ओड़िशा और आंध्रप्रदेश।इतने बड़े देशान्तरीय फैलाव होने के बावजूद इसका एक ही मानक समय रेखा है।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच के सीमा रेखा को 'रेडक्लिफ रेखा ' कहते है।
  • भारत और चीन के बीच के सीमा रेखा को 'मैक मोहन' रेखा कहते है।
  • भारत से श्रीलंका मन्नार की खाड़ी या पाक जल संधि द्वारा अलग होता है।
  • भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का 7 वां बड़ा देश है।
  • भारत में वर्तमान में 29 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश है।


मुझे आशा है कि इस लेख से आपको भारत के बारे में काफी अच्छा और जरूरी जानकारी मिला है।इस लेख को शेयर करना ना भूले। यह लेख आपको कैसा लगा कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।धन्यवाद।

All post

प्रकाश संश्लेषण / Photosynthesis

प्रकाश संश्लेषण / photosynthesis        प्रकाश संश्लेषण जिस प्रक्रिया के द्वारा पौधे अपना भोजन तैयार करते है उस मुख्य प्रक्रिया को...